इक ख्वाहिश

हर ख्वाहिश पूरी हो
ऐसी ज़िन्दगी नहीं होती
हो अगर हर ख्वाहिश पूरी
ज़िन्दगी तब ज़िन्दगी नहीं होती

टूट कर रोई इक ख्वाहिश
तो आवाज नहीं होती
आँखें जिनमे मोती न हो
तो वो चाहत नहीं होती

जब रोती हैं घटायें
तो वो बारिश नहीं होती
बहारें झूम के आती हैं
तड़प धरती की कम नहीं होती

जिसमे दर्द न हो
वो मोहब्बत नहीं होती
जो दिल को छू गया हो
वो गहराई समंदर में नहीं होती

किनारे सामने रहते हैं
चाहत कभी कम नहीं होती
दूर तक साथ चलते हैं
पर मुलाकात नहीं होती

जो नजरों से बयाँ हो
वो बात जुबाँ पे नहीं होती
जो दिल में बसा करते हो
उनसे कभी दूरियां नहीं होती

रुख हवाओं का जिधर हो
उधर मंजिलें नहीं होती
सामना तूफानों से न हो
वो डगर कभी पूरी नहीं होती

ये कुदरत का करिश्मा हैं
जीत ये तुम्हारी नहीं होती
मिल जाये जो आसानी से
वो कभी तुम्हारी नहीं होती