आज एक सपना टूटा
मैं एक और देखूगां
हर बार हैं ये टूटा
मैं बार-बार देखूगां
वो हो रही मुझसे जुदा
मैं कैसे दिल को समझाऊ
हैं खुदा मुझसे रूठा
मैं कैसे उसको मनाऊ
दिन में सहमा रहता हूँ
रात को चाँद होता हैं
सपनो में खोया रहता हूँ
तेरा ही दीदार होता हैं
मैं जाम पीता नहीं हूँ
वों नजरे पिला जाती हैं
वों मुझसे दूर नहीं हैं
ये अहसास दिला जाती हैं
मैं करता रहूँगा इकरार
वों तो करेंगे इन्कार
यूँ ही बढता हैं प्यार
दिल को मेरे हैं ऐतबार
रस्ते अलग हो जायेंगे
ऐसा होना तो नहीं था
वों मुझसे दूर हो जायेंगे
ऐसा कभी सोचा नहीं था
एक आस पूरी हो जाये
और ये वक्त बदल जाये
फिर एक करिश्मा हो जाये
मेरा उसका मिलन हो जाये
बिछुड़ कर जो हैं मिले
वों किस्मत वाले हैं
जरुरी नहीं किं हम मिले
हम तो दिलवाले हैं
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